फूलो से सजाता है हर कोई
by Sukamaari Arora on Monday, May 23, 2011 at 7:50am
यहाँ साथी कोई ना हमसफ़र कोई यहाँ
प्यार की कीमत लगाता है हर कोई यहाँ,
आशिको ने प्यार की खातिर जान भी दे दी
पर ख़ाक ही कीमत बताता है हर कोई यहाँ
अपनों पर सितम और गैरों को मिले प्यार
यही रोग दिल को लगाता है हर कोई यहाँ
सच बोलना तो मुसोबत हो गया यारब
क्यों झूठे को गले लगाता है हर कोई यहाँ
यही जिंदगी जिसे सब जीते है ''सुकमारी''
फिर भी इसे फूले से सजाता है हर कोई यहाँ
+++++++सुकमारी///२३.५.११++++++
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