Tuesday 10 May 2011

चुम्बनby Sukamaari Arora on Monday, May 9, 2011 at 6:40pm

चुम्बन

by Sukamaari Arora on Monday, May 9, 2011 at 6:40pm

अब भी याद है
 मेने जब तुम्हारा चुम्बन लेना चाहा
चाहू और शोर मच गया था ,,,शायेद तुम घबरा गयी थी
वो रेलवे स्टेशन था ,,,गाडी चलने लगी थी
मालुम है में आज भी उसकी सजा भुगत रहा हूँ
पहले जेल में ,,,अब घर में बंद हूँ,,,,
पर मेरा प्यार ,आकर्षण तेरे प्रति कम नहीं हुआ,,
और  बड गया है ,,,,
इससे पहले मेने कहा नहीं डूंडा,,,,
मेरे सामने से  गुज़र जाती थी ,,बिना देखे,
रोष होता था ,, ग्लानी होती थे,,,,
में ठहरा आशिक ,,प्रेम प्यास की चाह लिए
इधर से उधर भटकता ,,
गर्मी,सर्दी,बरसात,आंधी तूफ़ान ,
क्या कोई रोक पाया
 ये घर वाले कैसे रोक पाए गे
में जल्द ही फिर तुमसे मिलु गा ,,,,
मेरी प्रतीक्षा  करना ,,,
मेरी  प्यारी   '''''''मौत'''''
तेरा एक पागल प्रेमी
(,,,,,,,सुकमारी///////९.५.२०११)  

पत्थरby Sukamaari Arora on Saturday, May 7, 2011 at 12:57pm

पत्थर

by Sukamaari Arora on Saturday, May 7, 2011 at 12:57pm




 जी हाँ में एक पत्थर हूँ

आप सभी मुझे और मेरे परिवार को जानते हो

मेरे कई भाई बहिन है
पहाड़,चट्टान,रोड़ी,बजरी,कंक्री,
और में पत्थर हूँ चट्टान से छोटा और रोड़ी से बड़ा

बड़े काम का हूँ,,,,,समय समय पर काम भी आता हूँ,,,,,
पर स्वं मेरे हाथ में कुछ भी नहीं है,,,,,


मूर्तिकार चाहे तो ,,क्या से क्या बना दे ,,

ना चाहे तो ,,,,वही पडे पडे सदियाँ ही गुज़ार दे ,,,,,,,


पर में पत्थर हूँ,,,,,,,,


मूर्तिकार मुझे  तराश दे तो,,पत्थर से भगवान् बना सकता है,,,
 राम, कृष्ण व् हनुमान ,शिव ,,
 शिवलिंग ,,या कुछ  भी बन सकता हूँ ,,
  मंदिर में स्थापित  कर दे ,,,
उसके बाद पूजा  शुरू,


श्रधा सुमन,फूल,ढूध,घी,फल इत्यादि से

मूर्तिकार चाहे तो,
 खूबसूरत बुत बना कर पर्दर्शनी में खड़ा करा दे ,,,

कोई खूबसूरत सा नाम दे दे ,,


लोग वाह वाह कर उठे गे ,,,,
पर में पत्थर हूँ,,,,,,,

लोगो  ने मुझे कई नाम दे दिए  ,,,,

कई लाकोक्तिया  मेरे नाम से प्रचलित  है  ,,,
पत्थर दिल ,पत्थर का सनम --
पत्थर की लकीर -  पत्थर की तरह अटल
मील का पत्थर,,,इत्यादि ,,
मुझे कई कई बार हंसी आती है ,,क्या??? में वाकई ऐसा हूँ ,,,,या मुझे बना दिया गया  है,,,
मेरे पास कोई इस का ठोस उत्तर नहीं है,,,


पर में पत्थर हूँ,
में काम का पत्थर हूँ,,,
मुझे हर एक मील पर बैठा देते है,,
नज़र रखने के लिए ,,और मुसाफिरों को रास्ता बताने के लिए
,वाहन चलाने वाले मुझे देखे खुश हो जाते है ,,,,,
क्योकि उनको अपनी मंजिल का अनुमान हो जाता है ,,,,



मुझे  नदी के बीच बैठा  दे  तो नदी का रुख बदल सकता हूँ

मुझ , आंधी तूफ़ान गोद में ले ले तो में तबाही  भी मचा सकता हूँ

पर में पत्थर हूँ ,,,
मेरा होना सुनिषित है ,,,अगर कही शिलान्यास हो,
कब्र, या मज़ार हो,,,,,सडको का ,,इमारतो का ,नामकरण हो ,,

लोग अपने आप को  जिन्दा रखने के लिए,
 मेरे उप्पर अपना नाम पता खुदवा कर अमर होने का भ्रम रखते है

पर में पत्थर हूँ ,,,
दुःख तब होता है ,,जब लोग ''पथराव '' करते है ,,,,
मेरे को उठा उठा  कर एक दूजे पर मारते है ,,,,
संगर्ष करने वाले ,,आन्दोलन करने वाले ,,,


मेरे को बहुत चाहते ,,,पर में उनेह नहीं चाहता,,,तब में मजबूर होता हूँ


मेरी अम्मा कहा करती थी ये पथराव की प्रथा बहुत पुरानी  है ,,,
'''''कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को '''
अक्सर ये किस्सा सुनाती थी ,,,,
क्या करे ????

पर में पत्थर हूँ, ,,,,,जैसा चाहो मेरा उपयोग कर लो ,,,,


क्योकि में पत्थर हूँ,,,



 








भ्रष्टाचार - २by Sukamaari Arora on Friday, May 6, 2011 at 6:10pm

भ्रष्टाचार - २

by Sukamaari Arora on Friday, May 6, 2011 at 6:10pm


 भर्ष्ट नेता भ्रष्टाचार किये जा रहे है
खोखला  देश को सब  किये जा रहे है
जनता है दबी महंगाई के नीचे
महंगाई पे महंगाई  ये किये जा रहे है
हर शै में मिलावट है तंत्र की मेहरबानी
खून के आंसू लोग  पिए जा रहे  है
क़त्ल,बलात्कार,लूटपाट,और अपहरण है  आम

कान,आँख, मुहं, फिर भी  बंद  किये जा रहे   है

कुछ नेता भी ऐसे'' ''दिग्गी'' बाबू जैसे
आंतकवादियो को ही इज्ज़त दिए जा रहे है
हर और त्राहि त्राहि ,फिर भी सनाटा,क्यों
जुल्म पे जुल्म सब  क्यों सहे  जा रहे  है
खूब दिया था समर्थन '''अन्ना'''जी का सब ने
अब वो जोश लोगो में कम क्यों हुए जा रहे है
ना चलने दो चाले '''दिग्गी'''और '''अमर'''की
अब तो जाग जाओ क्यों सोये जा रहे है
-----------sukamaari------6/5/2011

shahnaayi-----by Sukamaari Arora on Wednesday, May 4, 2011 at 1:43pm

by Sukamaari Arora on Wednesday, May 4, 2011 at 1:43pm




हो सका तो जल्द ही आप को भूल जायेगे
जो मिलता है खो कर उसे आजमाए गे
गर रहे आपके पास तो होगा यह अफ़सोस
कही दूर जा  कर एक आन्शिया बसाए गे
चराग जले गे कभी हमारे घर  भी देखना
 खूने जिगर से भी  जलाना पड़ा जलाए गे


में मर नहीं सकती खातिर तुम्हारे ,सुनो
जो हुई खता तो क्या , सजा खुद ही पाए गे
जैसे जश्न तुमने मनाये महफिले सजा कर
तुम्हारे जाने की खुशियाँ हम भी मनाये गे

गर तुम ना बन सके देव दस् ,तो
कैसी  उम्मीद की हम पारो बन जाए गे

तुमेह क्या दे मुबारक  शादी की ''सुकमारी''
देखना जल्द  शहनाई, इधर भी बजवाये गे

------------सुकमारी,,,,///4/5/11
http;//suku''shayri.blogspot.com




''''''''''GAROOR'''''''by Sukamaari Arora on Tuesday, May 3, 2011 at 8:46am

''''''''''GAROOR'''''''

by Sukamaari Arora on Tuesday, May 3, 2011 at 8:46am



आसमान को चूमने से पहले ही
पतंग भी कभी कभी लटक जाती है
हद से ज्यादा गुजर जाए प्यार
बात मामूली भी नज़र में खटक जाती है
जिंदगी भर रहे हजूमे-यारों में
जिंदगी उनमे भी कभी भटक जाती है
जीस्त पर गरूर क्यों करे '''सुकमारी'''
मासूम कली की तरह चटक जाती है
-------------सुकमारी,,,,/////3/5/2011
http;//suku''shayri.blogspot.com





''''''''जिंदगी'''''by Sukamaari Arora on Monday, May 2, 2011 at 6:05am

''''''''जिंदगी'''''

by Sukamaari Arora on Monday, May 2, 2011 at 6:05am



 यारो आज एक अजब सी बात  हो गयी
सरे राह चलते किसी से मुलाकात हो गयी
एक रोता हुआ बच्चा सड़क पर  जा रहा था
रोका,पुचकारा उसे , फिर बी रोये जा रहा था
लगता था वो माँ बाप से बिछड़ गया है
मानो उसका जहाँ ही बिखर गया है
बच्चा था छोटा कुछ बोलता नहीं था
खाने को दे तो  कुछ भी खाता  नहीं था
वो बचैन था ,परेशान था, बदहवास था
अनजाने दुखो का शायेद उसे एहसास था
कइयों से पूछा कोई नहीं जानता था
एक शख्स मिला जो थोडा पह्चान्नता था
थोड़ी कोशिश के बाद मिल गए उसके माँ बाप
मिलते ही उनसे वो चिपक गया उनके साथ

सब के आँखों में आंसुओ का सैलाब था

दुआए  देते हुए मेरे सर पर आया उनका  हाथ था

अच्छा लगा चलो आज अच्छी बात हो गयी

किसी  बहाने  आज जिंदगी से मुलाकात हो गयी

--------------सुकमारी/////

जो कभी थे अपने अब वो जाते रहेby Sukamaari Arora on Sunday, May 1, 2011 at 8:52am

जो कभी थे अपने अब वो जाते रहे

by Sukamaari Arora on Sunday, May 1, 2011 at 8:52am


इस जहाँ में कोई भी यार ना मिला
जब की यार-ए-बज़्म हम सजाते रहे
हमें यार मिले भी तो क्या मिले
मेरे दामन से ही फूल चुराते रहे
यारी में उनकी खामोश रहेते थे
दगा करके बेवफा हमें बताते रहे
हम कह ना सके हाल उनसे अपना
अमृत कह कर ज़हर हमें पिलाते रहे
जब दिए यारों ने धोके पे धोके
मुझे दुश्मन अपने याद आते रहे
कोंन है अपना इस जहाँ में '''सुकमारी'''
जो थे कभी अपने अब वो जाते रहे
-----------सुकमारी,,,,,/////1.5.2011

"""""""आनंद'''''''''

"""""""आनंद'''''''''
जीव पैदा होते होने से अंत तक
सिर्फ और सिफ आनंद ही ढूंढता हैकार्यशेल्ली, तारिका ,मापधंड,
भिन भिन हो सकते है

अन्तता लक्ष्य  सभी का एक ही है

आनंद
जैसे
माँ, पहली बार जब अपने बचे को स्तनपान कराय
बाप, बेटा पहली पगार घर में लाये
किसान अपनी लेलाहाती फसल देख कर आये

कलाकार की कृति दुनिया  सराहे

लड़की जब सुसराल में आये
नेता जब जीत कर आये
भूखा जब पेट भर जाए
प्यासा जब प्यास मिट जाए
और भक्त जब प्रभु के दर्शन हो जाए
ना जाने कितने ही उधाहरण मिल जाए
जिससे जीव आनंदित हो जाए
आनंद,
है क्या
एक लक्ष्य की प्राप्ति
ईक चाह का पूरा होना
पल भर के लिए तृप्त होना
मुझे भी आनंद आता जब आप लोग  कविता मेरी पड़ते हो
और उस पर दाद भी देते हो ,,,,
सच कहती हूँ,,,,,,में कोई कवि नहीं हूँ ,
फिर भी में आनंद विभोर हो जाती हूँ ,,,,
-----------सुकमारी//////३०/४/२०११///

Sunday 1 May 2011

ISHAANby Sukamaari Arora on Friday, April 29, 2011 at 12:23pm

ISHAAN

by Sukamaari Arora on Friday, April 29, 2011 at 12:23pm
 Ishaan to mil gaya Faridabad me,,,,,bade ghar  ka beta tha isliye police harkat me aa gaye to itni jaldi ye sab ho
 gaya,,,,,,jan 2011 se 28th april tak laghbag 1600 bachey utha liye gaye ,,unme se kewal police 700 bacho ko waapis la paayi,,,ye aankde akhbaar ke hai,,,,sochney ki baat hai,,,Ishaan jitna lucky to saarey nahi hotey ,,,,,kinhi kinhi ke paas
to itni himmat bhi nahi hoti ki wo apne vichaar ya dukh dard baant sake,,,,wo log aakhir kya kare kis se guhaar kare kya koi sunne waala hai unki,,,,,,maine to ye bhi suna hai ki ,,,,Ishaan ke liye gandhi parwaar se fone karwaaya gaya tabhi
police ke teeno mehkame harkat aa gaye,,,,aur kyoki Ishaan ke pariwaar waale bhi smridh hai,,,,,to unohne bhi police ko keh diya hoga,,,,paise ki chinta na karo ,,,,jahan bhi,,jaise bhi,,jaana chaho jaao,,,isliye suna 14 police tukdiya banaayi gayi ,,alag aalg shehro me bejne ke liye,,,crime branch alag se kaam kar rahi thee,,,,,isse saaf zahir hota agar police chahe to kya kuch nahi kar sakti,,,,,,,me to un bacho ke liye dua karti hoon jo aaj tak waapis nahi aa sake,,,,aur khas taur se ,,,sab se anurodh karti hoon,,,apno bacho ka khud khyaal rakhe,,,kisi ke bharosey mat chodey,,,jahan tak ho sake aaya vagrah se bachey,,,agar uske bina kaam nahi chalta to kam se kam  uski details lena na bhuley,,,,,,, police se verification karwaana na bhule,,,,danyawaad,

जो कभी थे अपने अब वो जाते रहेby Sukamaari Arora on Sunday, May 1, 2011 at 8:52am

जो कभी थे अपने अब वो जाते रहे

by Sukamaari Arora on Sunday, May 1, 2011 at 8:52am


इस जहाँ में कोई भी यार ना मिला
जब की यार-ए-बज़्म हम सजाते रहे
हमें यार मिले भी तो क्या मिले
मेरे दामन से ही फूल चुराते रहे
यारी में उनकी खामोश रहेते थे
दगा करके बेवफा हमें बताते रहे
हम कह ना सके हाल उनसे अपना
अमृत कह कर ज़हर हमें पिलाते रहे
जब दिए यारों ने धोके पे धोके
मुझे दुश्मन अपने याद आते रहे
कोंन है अपना इस जहाँ में '''सुकमारी'''
जो थे कभी अपने अब वो जाते रहे
-----------सुकमारी,,,,,/////1.5.2011
http;//suku''sharyi.blogspot.com