जो कभी थे अपने अब वो जाते रहे
by Sukamaari Arora on Sunday, May 1, 2011 at 8:52am
इस जहाँ में कोई भी यार ना मिला
जब की यार-ए-बज़्म हम सजाते रहे
हमें यार मिले भी तो क्या मिले
मेरे दामन से ही फूल चुराते रहे
यारी में उनकी खामोश रहेते थे
दगा करके बेवफा हमें बताते रहे
हम कह ना सके हाल उनसे अपना
अमृत कह कर ज़हर हमें पिलाते रहे
जब दिए यारों ने धोके पे धोके
मुझे दुश्मन अपने याद आते रहे
कोंन है अपना इस जहाँ में '''सुकमारी'''
जो थे कभी अपने अब वो जाते रहे
-----------सुकमारी,,,,,/////1.5.2011
http;//suku''sharyi.blogspot.com
No comments:
Post a Comment