Tuesday, 10 May 2011

जो कभी थे अपने अब वो जाते रहेby Sukamaari Arora on Sunday, May 1, 2011 at 8:52am

जो कभी थे अपने अब वो जाते रहे

by Sukamaari Arora on Sunday, May 1, 2011 at 8:52am


इस जहाँ में कोई भी यार ना मिला
जब की यार-ए-बज़्म हम सजाते रहे
हमें यार मिले भी तो क्या मिले
मेरे दामन से ही फूल चुराते रहे
यारी में उनकी खामोश रहेते थे
दगा करके बेवफा हमें बताते रहे
हम कह ना सके हाल उनसे अपना
अमृत कह कर ज़हर हमें पिलाते रहे
जब दिए यारों ने धोके पे धोके
मुझे दुश्मन अपने याद आते रहे
कोंन है अपना इस जहाँ में '''सुकमारी'''
जो थे कभी अपने अब वो जाते रहे
-----------सुकमारी,,,,,/////1.5.2011

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