Tuesday, 10 May 2011

चुम्बनby Sukamaari Arora on Monday, May 9, 2011 at 6:40pm

चुम्बन

by Sukamaari Arora on Monday, May 9, 2011 at 6:40pm

अब भी याद है
 मेने जब तुम्हारा चुम्बन लेना चाहा
चाहू और शोर मच गया था ,,,शायेद तुम घबरा गयी थी
वो रेलवे स्टेशन था ,,,गाडी चलने लगी थी
मालुम है में आज भी उसकी सजा भुगत रहा हूँ
पहले जेल में ,,,अब घर में बंद हूँ,,,,
पर मेरा प्यार ,आकर्षण तेरे प्रति कम नहीं हुआ,,
और  बड गया है ,,,,
इससे पहले मेने कहा नहीं डूंडा,,,,
मेरे सामने से  गुज़र जाती थी ,,बिना देखे,
रोष होता था ,, ग्लानी होती थे,,,,
में ठहरा आशिक ,,प्रेम प्यास की चाह लिए
इधर से उधर भटकता ,,
गर्मी,सर्दी,बरसात,आंधी तूफ़ान ,
क्या कोई रोक पाया
 ये घर वाले कैसे रोक पाए गे
में जल्द ही फिर तुमसे मिलु गा ,,,,
मेरी प्रतीक्षा  करना ,,,
मेरी  प्यारी   '''''''मौत'''''
तेरा एक पागल प्रेमी
(,,,,,,,सुकमारी///////९.५.२०११)  

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