"""""""आनंद'''''''''
जीव पैदा होते होने से अंत तक
सिर्फ और सिफ आनंद ही ढूंढता हैकार्यशेल्ली, तारिका ,मापधंड,
भिन भिन हो सकते है
अन्तता लक्ष्य सभी का एक ही है
आनंद
जैसे
माँ, पहली बार जब अपने बचे को स्तनपान कराय
बाप, बेटा पहली पगार घर में लाये
किसान अपनी लेलाहाती फसल देख कर आये
कलाकार की कृति दुनिया सराहे
लड़की जब सुसराल में आये
नेता जब जीत कर आये
भूखा जब पेट भर जाए
प्यासा जब प्यास मिट जाए
और भक्त जब प्रभु के दर्शन हो जाए
ना जाने कितने ही उधाहरण मिल जाए
जिससे जीव आनंदित हो जाए
आनंद,
है क्या
एक लक्ष्य की प्राप्ति
ईक चाह का पूरा होना
पल भर के लिए तृप्त होना
मुझे भी आनंद आता जब आप लोग कविता मेरी पड़ते हो
और उस पर दाद भी देते हो ,,,,
सच कहती हूँ,,,,,,में कोई कवि नहीं हूँ ,
फिर भी में आनंद विभोर हो जाती हूँ ,,,,
-----------सुकमारी//////३०/४/२०११///
जीव पैदा होते होने से अंत तक
सिर्फ और सिफ आनंद ही ढूंढता हैकार्यशेल्ली, तारिका ,मापधंड,
भिन भिन हो सकते है
अन्तता लक्ष्य सभी का एक ही है
आनंद
जैसे
माँ, पहली बार जब अपने बचे को स्तनपान कराय
बाप, बेटा पहली पगार घर में लाये
किसान अपनी लेलाहाती फसल देख कर आये
कलाकार की कृति दुनिया सराहे
लड़की जब सुसराल में आये
नेता जब जीत कर आये
भूखा जब पेट भर जाए
प्यासा जब प्यास मिट जाए
और भक्त जब प्रभु के दर्शन हो जाए
ना जाने कितने ही उधाहरण मिल जाए
जिससे जीव आनंदित हो जाए
आनंद,
है क्या
एक लक्ष्य की प्राप्ति
ईक चाह का पूरा होना
पल भर के लिए तृप्त होना
मुझे भी आनंद आता जब आप लोग कविता मेरी पड़ते हो
और उस पर दाद भी देते हो ,,,,
सच कहती हूँ,,,,,,में कोई कवि नहीं हूँ ,
फिर भी में आनंद विभोर हो जाती हूँ ,,,,
-----------सुकमारी//////३०/४/२०११///
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