Tuesday, 10 May 2011

पत्थरby Sukamaari Arora on Saturday, May 7, 2011 at 12:57pm

पत्थर

by Sukamaari Arora on Saturday, May 7, 2011 at 12:57pm




 जी हाँ में एक पत्थर हूँ

आप सभी मुझे और मेरे परिवार को जानते हो

मेरे कई भाई बहिन है
पहाड़,चट्टान,रोड़ी,बजरी,कंक्री,
और में पत्थर हूँ चट्टान से छोटा और रोड़ी से बड़ा

बड़े काम का हूँ,,,,,समय समय पर काम भी आता हूँ,,,,,
पर स्वं मेरे हाथ में कुछ भी नहीं है,,,,,


मूर्तिकार चाहे तो ,,क्या से क्या बना दे ,,

ना चाहे तो ,,,,वही पडे पडे सदियाँ ही गुज़ार दे ,,,,,,,


पर में पत्थर हूँ,,,,,,,,


मूर्तिकार मुझे  तराश दे तो,,पत्थर से भगवान् बना सकता है,,,
 राम, कृष्ण व् हनुमान ,शिव ,,
 शिवलिंग ,,या कुछ  भी बन सकता हूँ ,,
  मंदिर में स्थापित  कर दे ,,,
उसके बाद पूजा  शुरू,


श्रधा सुमन,फूल,ढूध,घी,फल इत्यादि से

मूर्तिकार चाहे तो,
 खूबसूरत बुत बना कर पर्दर्शनी में खड़ा करा दे ,,,

कोई खूबसूरत सा नाम दे दे ,,


लोग वाह वाह कर उठे गे ,,,,
पर में पत्थर हूँ,,,,,,,

लोगो  ने मुझे कई नाम दे दिए  ,,,,

कई लाकोक्तिया  मेरे नाम से प्रचलित  है  ,,,
पत्थर दिल ,पत्थर का सनम --
पत्थर की लकीर -  पत्थर की तरह अटल
मील का पत्थर,,,इत्यादि ,,
मुझे कई कई बार हंसी आती है ,,क्या??? में वाकई ऐसा हूँ ,,,,या मुझे बना दिया गया  है,,,
मेरे पास कोई इस का ठोस उत्तर नहीं है,,,


पर में पत्थर हूँ,
में काम का पत्थर हूँ,,,
मुझे हर एक मील पर बैठा देते है,,
नज़र रखने के लिए ,,और मुसाफिरों को रास्ता बताने के लिए
,वाहन चलाने वाले मुझे देखे खुश हो जाते है ,,,,,
क्योकि उनको अपनी मंजिल का अनुमान हो जाता है ,,,,



मुझे  नदी के बीच बैठा  दे  तो नदी का रुख बदल सकता हूँ

मुझ , आंधी तूफ़ान गोद में ले ले तो में तबाही  भी मचा सकता हूँ

पर में पत्थर हूँ ,,,
मेरा होना सुनिषित है ,,,अगर कही शिलान्यास हो,
कब्र, या मज़ार हो,,,,,सडको का ,,इमारतो का ,नामकरण हो ,,

लोग अपने आप को  जिन्दा रखने के लिए,
 मेरे उप्पर अपना नाम पता खुदवा कर अमर होने का भ्रम रखते है

पर में पत्थर हूँ ,,,
दुःख तब होता है ,,जब लोग ''पथराव '' करते है ,,,,
मेरे को उठा उठा  कर एक दूजे पर मारते है ,,,,
संगर्ष करने वाले ,,आन्दोलन करने वाले ,,,


मेरे को बहुत चाहते ,,,पर में उनेह नहीं चाहता,,,तब में मजबूर होता हूँ


मेरी अम्मा कहा करती थी ये पथराव की प्रथा बहुत पुरानी  है ,,,
'''''कोई पत्थर से ना मारे मेरे दीवाने को '''
अक्सर ये किस्सा सुनाती थी ,,,,
क्या करे ????

पर में पत्थर हूँ, ,,,,,जैसा चाहो मेरा उपयोग कर लो ,,,,


क्योकि में पत्थर हूँ,,,



 








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