Tuesday, 19 April 2011

''''''''सजा''''''

By Sukamaari Arora · Thursday, April 7, 2011

 '''''''सजा'''''
दिल लगाने की सजा हमें ऐसी मिली
हम हंस भी नहीं सकते और रो भी नहीं सकते
ज़ख़्म वो ऐसे दे गए दिल पे

जो दिखा भी नहीं सकते छुपा भी  नहीं  सकते

छोड़ दिया हम जा के दरिया के बीच

खुद को डुबो  भी नहीं सकते बहार आ भी नहीं सकते

फूल कैसे """सुकमारी"""इस गुलिस्तान के

जो खिल भी नहीं सकते और मुरझा भी नहीं  सकते

--------------सुकमारी------------------------

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