Tuesday, 19 April 2011

CHEHRE PE CHEHRAby Sukamaari Arora on Friday, April 8, 2011 at 8:16pm

CHEHRE PE CHEHRA

by Sukamaari Arora on Friday, April 8, 2011 at 8:16pm
 '''''''चेहरे पे चेहरा'''''''
जिंदगी में कभी कभी ऐसे भी इतेफाक होते है
अपना कोई नहीं ,पर चाहने वाले लाख होते है
गर कह दे हमें बुरा  , तो रहते है खामोश
असल में  होते  है जो बुरे दामन उनके पाक होते है
जो देते  है तसलियाँ  झूठी  पल दर पल
 देखा है अक्सर  वादे उनके मज़ाक होते है
चेहरे कई कई लगा कर मिलते है ''सुकमारी''
हंसते है ऊपर से ,पर अन्दर से जल कर खाक होते है
---------------सुकमारी---------८/४/११ ------------  

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