''''''''''सन्नाटा'''''''''
by Sukamaari Arora on Tuesday, April 5, 2011 at 11:12pm
''''''''सन्नाटा'''''''''
एक फूल ही तो मसला गया गुलशन में
चमन तो महक रहा था बहारो का क्या हुआ
चाँद तो निकला है पर है फीका फीका
वो चमक कहाँ गयी सितारों का क्या हुआ
यार हमारे भी रुखसत हुए रफ्ता रफ्ता
जान देते थे जो उन वफादारो का क्या हुआ
पालकी उठाओ अब वक़्त आ गया है जाने का
देखो कहाँ है सब , उन कहारों का क्या हुआ
इतना सनाटा क्यों है आज कब्रिस्तान में लेकिन
'"सुकमारी ''ही तो आई है इन मजारो का क्या हुआ
-----------------------सुकमारी,,,,,५/४/२०११,,,,,,,,,,
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