Thursday, 28 April 2011

''''उल्फत'''by Sukamaari Arora on Friday, April 22, 2011 at 11:34am

''''उल्फत'''

by Sukamaari Arora on Friday, April 22, 2011 at 11:34am

'''''''उल्फत'''''''
यारें उल्फत में जो , तबियत मेरी भर गयी
गम-ए-बस्ती दिल पे मेरे य़ू घर कर गयी
कैसे नहीं सहे जुल्म-ओ-सितम दुनिया के
जिंदगी अब नाम-ए-वफ़ा से दर गयी
बेज़ार हुए हर तरफ से जिंदगी में
इक इक करके हर शै हमसे यूँ मगर गयी
अँधेरा-ही-अँधेरा है चारो तरफ
दूर आँखों से ,जहां तक मेरी नज़र गयी
अब किस से मांगू सहारा '''सुकमारी'''
ना जाने दुनिया क्यों मेरी बिखर गयी
------------सुकमारी////// 22.4.2011

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