''''''''इंसान '''''''
by Sukamaari Arora on Wednesday, April 27, 2011 at 5:37am
'''''''''इंसान''''''''
रोते हुए आता है इंसान इस दुनिया में
उसे गमो के बोझ में सदा दबा ही देखा
लोग ही लोग जिधर देखो ज़मीं पर
पर इंसान को हमने तनहा ही देखा
गरीबी,लाचारी,लूटमारी है चारो तरफ
जीवन भर इससे दो चार होते ही देखा
कोन हुक्मरान इनके लिए कुछ करता है
हर किस्सी को इनेह भेड़ो की तरह हांकते देखा
तरस खा, पुचकार कर प्यार का हाथ रखते है
उनेही हाथो से इनपर डंडे बरसाते देखा
इंसान को इंसान कब समझे गे '''सुकमारी'''
यहाँ इंसान ही इंसान का दुश्मन देखा
--------------सुकमारी ////२७.४.२०११..---
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