'''''''लम्हे'''''
by Sukamaari Arora on Saturday, April 2, 2011 at 9:24am
जो मिला के नज़र , नज़र से गुजारे
वो प्यार के लम्हे थे
जो बिछा के पलके, राहों में गुज़ारे
वो इज़हार के लम्हे थे
जो पल वादों और कसमो में गुज़ारे
वो ऐतबार के लम्हे थे
जो पीपल की छाव में गुज़ारे
वो इंतज़ार के लम्हे थे
जो पल झगड़ो में गुजारे
वो तक्र्रार के लम्हे थे
जो दिवार से सर टकरा के गुज़ारे
वो गुबार के लम्हे थे
जो दिन कज़ा के बाद गुज़ारे
वो उधार के लम्हे थे -------------सुकमारी/२/४/२०११
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