Tuesday, 19 April 2011

'''''समझोता''''by Sukamaari Arora on Sunday, April 3, 2011 at 9:43am

'''''समझोता''''

by Sukamaari Arora on Sunday, April 3, 2011 at 9:43am

आओ चलो एक नयी धुन बनाते है
उस पर मिल कर गीत जाते है
जिसमे कोयल जैसी मिठास हो
उसपे पपीहे का नाच हो
आओ चलो एक नई क्यारी सजाते है
हर रंग के फूल इसमें लगाते है
उन फूलो की साड़ी खुश्बो
इस कायनात में फेलाते है
आओ चलो एक नया घर बसाते है
जिस में में हूँ पर में नहीं
तुम हो पर तुम नहीं,
केवल ""हम" होगे
उसमे खुशिओ के हर पल में रंग भर देंगे
मिल कर दुःख-दर्द हर लेंगे

भूल जाओ सब गिले शिकवे
 अब एक हो जाते है

मिल कर धुन बनाते है
मिल कर गीत गाते है -----------------सुकमारी //३.४.२०११  

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