Thursday, 21 April 2011

by Sukamaari Arora on Tuesday, April 19, 2011 at 9:17am

by Sukamaari Arora on Tuesday, April 19, 2011 at 9:17am




'''''''शबनम ''''''''
एक दिन मेने
शबनम से कहा

तू कितनी  खुशनसीब है

मोती की तरह चमकती है
हंसती है ,खिल्खालाती है


जिस पती  या फूल पर बैठ जाए 
उसकी रोनक बड जाती है!!!!

शबनम ने कहा

सुनो बात एक
छोटा सा है  मेरा जीवन
छोटा सा है  मेरा फ़साना

खुद भी खुश रहना

ओरो की भी हसाना

यही है मेरा फलसफा
यही है मेरा तराना !!!!
,,,,, ,,,क्या खूब फलसफा है,,
आगे बोली ,,,माना मे
सूरज की किरणों से सूख जाती हूँ
हवा के ज़रा से झोंको से बिखर  जाती हूँ
जीने के लिए तो कुछ पल भी बहुत है
मर मर के जीने के लिए तो एक सदी भी कम है
बस मेरा तो  इतना ही कहना है
,,,,,मेरा तो इतना ही कहना है
----------------सुकमारी/////19/4/2011




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