Tuesday, 19 April 2011

dil



by Sukamaari Arora on Wednesday, March 30, 2011 at 1:18pm
  दिल ही क्या  ग़र इसमें हसीं ज़ज्बात नहीं
 ये दिल ,दिल नहीं गर इसमें आप नहीं

ये वक़्त यूं ही थम जाए गा
गर आप का साथ नहीं

 अरमा नहीं अब  हसरत नहीं
 शिकवा  नहीं   शिकायत  नहीं
बस  यूं ही इस  दिल में बसे रहो
और   कोई  आपसे फ़रियाद  नहीं------सुकमारी,

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